राष्ट्रीय खेल दिवस सिर्फ खेल का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर अनुशासन, टीमवर्क और सकारात्मक सोच की भावना को जगाता है। इसी कड़ी में अनूपशहर के जहांगीराबाद नगर में शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर एक विशेष दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मेजर ध्यानचंद की याद में हुआ, जिन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है।

आयोजन का मुख्य आकर्षण
29 अगस्त को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस पर नगर के शिक्षकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दौड़ प्रतियोगिता का शुभारंभ आरसी फार्म हाउस जहांगीराबाद से हुआ और समापन गहना गोवर्धनपुर रोड पर हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों के चेहरे पर जोश और खेल भावना देखने लायक थी।
मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेल का महत्व
मानव मनोविज्ञान के अनुसार, खेल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
- यह तनाव कम करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- खेल हमें लक्ष्य निर्धारण और उसे पाने के लिए निरंतर प्रयास करना सिखाता है।
- छात्र-छात्राओं में एकजुटता और अनुशासन की भावना विकसित होती है।
जब शिक्षक और छात्र एक साथ दौड़ते हैं, तो यह केवल एक प्रतियोगिता नहीं रहती, बल्कि एक सकारात्मक सीखने का अनुभव बन जाती है।
मेजर ध्यानचंद और खेल दिवस का संदेश
मेजर ध्यानचंद ने अपने खेल कौशल से न केवल भारत का नाम रोशन किया बल्कि यह भी साबित किया कि मेहनत और अनुशासन से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए जहांगीराबाद में हुई यह दौड़ प्रतियोगिता छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।